चंद्र पर भारत!

भारतीय खगोल शास्त्र दुनिया की सबसे प्राचीन व प्रथम अंतरिक्ष ज्ञान है। जिसमे ग्रहों, नक्षत्रों, उपग्रहों आदि की स्थिति, गति तथा मानव जीवन पर पड़ने वाले इनके प्रभाव का विस्तृत वर्णन है। रुचि होने के बावजूद भी इसका अध्ययन करने का समय नही मिला पर जब कोई अंतरिक्ष मिशन ISRO – Indian Space Research Organisation के द्वारा प्रतिपादित किया जाता है तो उसके विषय मे जानने की रुचि बढ़ जाती है। #Mangalyaan के बाद #Chandrayaan2 भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिहाज से बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह अपने प्रस्थान पर है तथा 60 प्रतिशत से ज्यादा दूरी पार कर चुका है अब प्रतीक्षा है इसके चंद्रमा पर उतरने की जिसके साथ ही भारत उन देशों की श्रेणी में आ जायेगा जो चंद्रमा पर कोई यान उतारने में सफलता पायें हैं। लेकिन भारत का यह अभियान इस वजह से ज्यादा महत्व रखता है कि यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा जहाँ सूर्य की किरणें नही पहुँचती। जिसके कारण चन्द्रमा पर मानवी खोज में नए आयाम जुड़ने की संभावना है। अब तक के सभी प्रयास उत्तरी ध्रुव पर केंद्रित थे।

भारतीयों के लिए 5 सितम्बर का दिन बहुत ही ऐतिहासिक होने वाला है जब #Chandrayaan2 सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह से जानकारियाँ एकत्रित कर पृथ्वी पर भेजना प्रारम्भ करेगा।

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